Tuesday, June 16, 2020

पुत्र का पत्र माँ के नाम





विभा ने जैसे ही अपनी स्क्रिप्ट पर नज़र डालने के लिए ग्रीन रूम में मोबाइल खोला कि उसकी नज़र एक अभी अभी आए मेल पर गई.
ना जाने किस आशंका से उसकी साँसे तेज चलने लगीं.क्या हुआ वैभव को?
वो तो हमेशा व्हाट्सप्प पर कॉल करता है.
तब तक मेकअप मैन उठ चुका था जाते जाते वो बोला "मैडम स्टेज पर सभी कलाकार पहुँच गए हैं. बस शो शुरू होने में पांच मिनट हैं. आप मंच की ओर चलिए."
विभा ने उसे इशारे से चुप रहने को कहा. "बस दो मिनट शांतु दा.... मुझे शान्ति चाहिए. बेटे का मेल है."
वो वैभव का मैसेज पढ़ने लगी.
प्यारी माँ
आज आपको यह पत्र लिखना पड़ रहा है. चाहता तो फ़ोन कर सकता था.
फ़ोन ना करने की वजह सिर्फ यह है कि मैं चाह कर भी आपसे कह नहीं पाता . हो सकता है आपको मेरे कुछ बातें बुरी लगे. आप मुझे छोटा समझ कर माफ कर दीजिएगा. कहां से शुरू करूँ?
आपने मुझे बताया था ना कि जब मैंने बोलना शुरू किया तो मेरे मुख से पहला शब्द पापा निकला था. जब से मैंने होश संभाला मैंने देखा कि पापा और आप दोनों में कितनी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है. हमारे घर में कभी लड़ाई नहीं होती थी और फिर एक दिन आप हमें छोड़ कर चली गईं.
क्यों मम्मा?
हमारी ग़लती भी बता कर जातीं.
क्या आप हम दोनों में से किसी से रूठ गई थी?
"पापा आपने कुछ कहा मम्मा को?"
जब पापा से पूछा था वो कुछ ना बोले. बस एकदम शान्त और हारे हुए दिखे मुझे.
उस दिन पापा को हार्ट अटैक आया था.
बाद में पापा मुझसे धीरे धीरे खुलने लगे थे.
उन्होंने बताया था कि घर में रहकर आप अपने आप से रूठी थीं. आपको चाहिए थी बाहरी दुनिया में अपनी पहचान. जहाँ आपको लोग आपके नाम से जानें. जब आप कहीं जाएं तो स्वागत में तालियों की गूँज हो. माइक पर आपकी सुरीली आवाज़ और स्टेज पर आपका जलवा हो.
सही कह रहा हूँ ना मैं.
आप ये सब कुछ घर से भी कर सकती थीं माँ.हमें छोड़ने की क्या ज़रूरत थी.
कभी सोचा कि आपके सभी शौकआज तक किसने पूरे किये? घर में कमाने वाले पापा ही थे.
मुझे याद है जब आप ने भारत माँ का रोल किया था तो आपकी तिरंगे के रंग में साड़ी रंगवाने पापा ही रंगरेज़ के यहाँ बदबूदार नाली के किनारे खड़े थे.
कितनी बार मैं भी किराये के लहंगे लाने, लौटने पापा के साथ गया हूँ.
आपके संगीत अध्यापक की फ़ीस, आपके नृत्य, जिम के ख़र्चे किसने पूरे किये?
आपको पहली बार टी वी पर विज्ञापन भी पापा के दोस्त ने ही दिया था. याद है आप उसमें मुझे परी सी लग रही थी.मेरे दोस्त भी मुझसे ईर्ष्या कर रहे थे.मेरी माँ अब हीरोइन बन गई थी.
पर बाद में समझ आया,सच्चे हीरो थे हमारे घर में पापा.
आप क्या कहती हैं? जिन्होंने हर परिस्थिति में धैर्य नहीं खोया. अपने चेहरे पर शिकन भी नहीं आने दी.
मुझे ए बी सी सिखाने से लेकर चार्टर्ड एकाउंटेंट बनाने का श्रेय उनको ही जाता है.
आप नाराज़ हो गईं?
सच्ची सॉरी माँ !!मैं आपका दिल नहीं दुखाना चाहता हूँ. बस जो सच है दिखाना चाहता हूँ.
ये जो लोग आपको हाथों हाथ ले रहे हैं.आपकी अच्छी पर्सनालिटी के कारण ही तो.
आपके इस व्यक्तित्व को उभारने में भी मानिये ना मानिये पापा का ही हाथ है.वो हर जगह आपको साथ ले जाते थे.
यकीन ना हो तो अपनी पुरानी तस्वीरें उठा कर देख लीजिये.पता चल जाएगा मेरी बात में कितना दम है.
मैं बहुत रूड होता जा रहा हूँ ना, पर क्या करूँ? आपकी फ़िक्र जो है. आपको पता है अगर आप थिएटर करें या ना करें किसी को फर्क नहीं पड़ेगा.बाहर की दुनिया बस थोड़े दिन की साथी है. एक से एक सितारे आये और चले गए. किसी को क्या फर्क पड़ा? सब लोग भूल जाते हैं. बस पल दो पल उनकी तारीफ़ कर ली या कभी बुराई कर ली. पर माँ सितारों के आगे भी एक जहाँ है.
आपके यहाँ से चले जाने से हमें बहोत फर्क पड़ रहा है.घर के हर कोने में आपकी खुशबू बसी हुई है.आप के गानों की गुनगुन सुन कर बड़ा हुआ हूँ. अब बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ है. बता रहा हूँ अगर मुझे गुस्सा आ गया तो आपका हारमोनियम, तानपूरा सब फेंक दूँगा ... अरे !ये क्या बचपना है माँ?
कभी तो बड़ी हो जाओ.
माँ कल आपकी अलमारी साफ़ कर रहा था तो खतों का एक पुलिंदा मिला. वो ख़त जो आपने कभी पापा को लिखे थे.
आपने मुझे कभी क्यों नहीं बताया कि पापा से आपकी लव मैरिज थी.
आप लोगों ने भाग के शादी की थी?
या नाना जी मान गए थे. बस मन में सवाल उठा तो पूछ रहा हूँ. हा.. हा हा.
मानिये ना मानिये आप थोड़ी हिली हुई हो (दिमाग़ से )शुरू से ही, फ़िर पापा के लाड़ में, रही सही भी बर्बाद हो गईं.
माँ आपको याद है वो लड़की जो हमारे घर सफ़ाई करती थी. मेरे इयरफोन उठा ले गई थी आपने कहा था "एक दो दिन में वापस रख जाएगी. उससे कुछ कहना नहीं."
और वो रख भी गई थी.
"माँ आपको कैसे पता था?"
तब आपने कहा था कि "उसका मन आ गया होगा ले गई उठा के, पर तुझसे भी बहुत प्रेम करती है तेरा उतरा चेहरा देखेगी तो वापस रख जाएगी."
माँ हमारे चेहरे भी उतर गए हैं, क्या आपको बताना पड़ेगा कि आपसे सभी कितना प्रेम करते हैं.
आप भी घर वापस आ जाओ आजकल बाहर बहुत खतरा है.हम लोगों को आपके लिए बड़ा डर लगता है. माँ मुझे आप और पापा दोनों की ज़रूरत है. प्लीज़ माँ जल्दी घर आओ
आपके इंतज़ार में........
आपका विभू
स्टेज पर उसके नाम की उद्घोषणा हो रही थी. उसने अपनी आँखों में आये आँसू पोंछ लिए. आज वो इस शहर में अपनी आख़िरी परफॉर्मेंस देने वाली थी. इसके बाद यहाँ से सीधा एयरपोर्ट जाएगी.अभी भी देर नहीं हुई है.... समाप्त

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