गद्य रचना
****रिश्ता अनजाना****(कहानी)भाग 2
(अभी तक आपने पढ़ा अनु ने अकेलेपन से ऊब कर संदीप नाम के एक व्यक्ति से दोस्ती कर ली,संदीप न्यूयार्क में रह कर इंडिया के कई शहरों में एन जी ओ चलाता है इसके लिए उसे देश विदेश में सम्मानित भी किया जा चुका है)
****रिश्ता अनजाना****(कहानी)भाग 2
(अभी तक आपने पढ़ा अनु ने अकेलेपन से ऊब कर संदीप नाम के एक व्यक्ति से दोस्ती कर ली,संदीप न्यूयार्क में रह कर इंडिया के कई शहरों में एन जी ओ चलाता है इसके लिए उसे देश विदेश में सम्मानित भी किया जा चुका है)
अनु के जीवन में बे मौसम बहार आ गई।
क्या कभी सोचा था कि गेस्ट हाउस के इस कमरे में वह दुनिया जहान की बातें जान पायेगी।
संदीप ने कहा कि आजकल वह बहुत बिजी है दरअसल अपने एनजीओ के लिए आर्टिकल्स लिख रहा है।
बातों बातों में यह भी पता चला कि संदीप बिल्कुल अकेला है शादी नहीं की , अनु बोली आखिरकार आप जैसे बैचलर को लड़कियों ने छोड कैसे दिया?
संदीप ने जवाब दिया मेरा रिश्तों से विश्वास उठ गया है।
ऐसा क्यों?
वह बोला बस यूं ही समझ लो हालात ही कुछ ऐसे हैं, दरअसल जब मुझे रिश्तेदारों की जरूरत थी तो कोई काम नहीं आया और आज जब मैंने अपनी मेहनत और बलबूते से ये मुक़ाम हासिल कर लिया तो सभी लोग मेरे आगे पीछे घूमते हैं। इसी बात से मेरा किसी पर विश्वास नहीं रहा।
अनु ने कहा अगर चाहो तो मुझसे शेयर कर सकते हो मैं तुम्हारी कोई रिश्तेदार नहीं हूं,बस एक फ्रेंड हूँ।.....
संदीप बोला किसी और दिन।
तुम अपनी कहानी सुनाओ फेसबुक पर हो क्या?
अनु बोली... नहीं
संदीप...अगर मुझसे लोग पूछते हैं कि क्या पढ़ते हो मैं कहता हूँ फेसबुक!! अरे! कई बार तो मुझे लोगों की प्रोफाइल को स्टॉक करने की भी आदत है बड़ा मजा आता है।
अनु-ओ हो!! तुम तो बहुत शरारती हो।
संदीप-नहीं!नहीं! शरारती नहीं हूं बस यही मेरा टाइम पास है।
क्या कभी सोचा था कि गेस्ट हाउस के इस कमरे में वह दुनिया जहान की बातें जान पायेगी।
संदीप ने कहा कि आजकल वह बहुत बिजी है दरअसल अपने एनजीओ के लिए आर्टिकल्स लिख रहा है।
बातों बातों में यह भी पता चला कि संदीप बिल्कुल अकेला है शादी नहीं की , अनु बोली आखिरकार आप जैसे बैचलर को लड़कियों ने छोड कैसे दिया?
संदीप ने जवाब दिया मेरा रिश्तों से विश्वास उठ गया है।
ऐसा क्यों?
वह बोला बस यूं ही समझ लो हालात ही कुछ ऐसे हैं, दरअसल जब मुझे रिश्तेदारों की जरूरत थी तो कोई काम नहीं आया और आज जब मैंने अपनी मेहनत और बलबूते से ये मुक़ाम हासिल कर लिया तो सभी लोग मेरे आगे पीछे घूमते हैं। इसी बात से मेरा किसी पर विश्वास नहीं रहा।
अनु ने कहा अगर चाहो तो मुझसे शेयर कर सकते हो मैं तुम्हारी कोई रिश्तेदार नहीं हूं,बस एक फ्रेंड हूँ।.....
संदीप बोला किसी और दिन।
तुम अपनी कहानी सुनाओ फेसबुक पर हो क्या?
अनु बोली... नहीं
संदीप...अगर मुझसे लोग पूछते हैं कि क्या पढ़ते हो मैं कहता हूँ फेसबुक!! अरे! कई बार तो मुझे लोगों की प्रोफाइल को स्टॉक करने की भी आदत है बड़ा मजा आता है।
अनु-ओ हो!! तुम तो बहुत शरारती हो।
संदीप-नहीं!नहीं! शरारती नहीं हूं बस यही मेरा टाइम पास है।
तुम अपनी लोकेशन भेजो मैं भी तो देखूं कौन सी जगह रहती है?
अनु ने कहा मुझे नहीं आता लोकेशन भेजना बड़ी मुश्किल से मैसेज करना सीखा है।
वह भी मेरे हसबैंड पीछे पड़ गए
संदीप-ओ माय गॉड!! तो तुम शादीशुदा हो
अनु-क्यों शादीशुदा से दोस्ती नहीं हो सकती?
संदीप...हो सकती है ,क्यों नहीं हो सकती और वह भी जब किसी लड़की ने खुद से फ्रेंड रिकवेस्ट भेजी हो।
भई!! मैं लड़कियों की बहुत इज्जत करता हूं
हा हा हा,अच्छा अभी कुछ दिनों के लिए मैं बाहर जा रहा हूं एमिली के साथ।
हम अपना नया एन जीओ हैदराबाद में लगाने की सोच रहे हैं उसी पर काम करना है हो सकता है मैं इंडिया भी आऊं।
लेकिन अभी पक्का नहीं है,अगर आया तुमसे मिलने की कोशिश जरूर करूंगा
अनु ने कहा....बिल्कुल जहां हम लोग रहते हैं पूरा इलाका बहुत सुंदर है और आप चाहे तो हमारे पास ही ठहर सकते हैं।
हां क्यों नहीं क्या नाम बताया था अपने हसबैंड का?
अभी तक नाम ही नहीं बताया.....अनु हंस पड़ी अनिल....अनिल टंडन
ओ के!!
संदीप- किस पोस्ट पर काम करते हैं ?
अनु- यहां के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।सरकार की तरफ से पोस्टिंग है काम करने के बाद चले जाएंगे
संदीप- कहां?
अनु- कुछ पता नहीं है फिर किसी फैक्ट्री को चलाने या फिर कहीं और जहां नसीब ले जाए
तब तो काफी नक्शे होंगे तुम्हारे।
अनु- क्यों? हसबैंड की पोस्ट अच्छी है उसका नक्शा मैं क्यों लूँ।
संदीप- यह हुई ना बात तो तुम भी कुछ काम किया करो।
अनु- नहीं कर सकती ना ....यही तो प्रॉब्लम है।
संदीप-इस दुनिया में ऐसा क्या है जो कोई नहीं कर सकता।
अनु- है कोई बात सीरियस प्रॉब्लम है कभी शेयर करूंगी।
संदीप- ठीक है मैं इंतजार करूंगा।क्या तुम्हारे पास तुम्हारी कोई पिक्चर है लेटेस्ट?
अनु- नहीं मैं कभी कोई पिक्चर नहीं खिंचवाती।
संदीप- झूठ बोल रही हो।
अनु- नहीं सच बोल रही हूँ
संदीप- एक बार दिखाओ ना प्लीज! या फिर स्काइप पर हो,बस एक बार अपनी शक्ल दिखा दो
अनु-आ गए ना आम मर्दों जैसी बातों पर,अनिल हमेशा यही कहते हैं कि किसी भी लड़के से दोस्ती खतरे से खाली नहीं है।
उधर से संदीप ने कोई जवाब नहीं दिया वह ऑफलाइन हो गया था..... नाराज हो गया क्या.... अनु सोचने लगी।
वैसे क्या हो जाता अगर अपनी फोटो भेज देती,कोई कम्प्यूटर से निकल के खा तो नहीं जाएगा।
अनिल को बताए?अगर हां कहते हैं तो फ़ोटो भेज देगी ।
फिर दिमाग़ ने कहा "अनु डार्लिंग तुम दुनिया की पहली औरत होगी जो ऐसी बातों में पति को इन्वॉल्व कर रही हो"।
वो मुस्कुरा पड़ी।
तभी किसी ने डोर बेल बजाई
रूम क्लीन होगा क्या ?
तपन एक नेपाली लड़का था,कमरे के बाहर खड़ा था,बोलाधोबी प्रेस के लिए कपड़े मांग रहा है मैडम जी
अरे !!अंदर आओ अनु बोली और ज़रा ऊंचा बोला करो प्लीज़ क्या कहते हो समझ तो पाऊं,वैसे अभी कोई काम नहीं है।बाहर मैडम लोग बैठी हैं क्या?
नहीं सी- बीच पर जाने की तैयारी कर रही हैं।
आप भी जाओ, आज हाई टाइड है दूर से देखना मेम साब जी पानी के पास मत जाना।
तपन अब जोर से चिल्लाया।
अनु खुल कर हँस पड़ी,तभी अनिल आ गए,बोले ज़रा अंदर आओ अनु कुछ बात करनी है।
अनिल ने बताया अब मिनिस्टर साहब खुद एक महीने के लिए कारखाने की प्रोग्रेस देखने के लिए आ रहे हैं,सुना है संसद में प्रश्न उठ गया है कि कारखाना चल भी पाएगा या सब कुछ लोहे के दाम बिक जाएगा।
कई बार लगता है गलती हो गई अनु.... इस बैठे हुए हाथी को खड़ा करना बड़ा मुश्किल है.....अनिल उदास थे.....ऊपर से अब रोज़ रोज़ घंटों की मीटिंग में समय जाएगा।
अनु अपनी हियरिंग एड एडजस्ट करने की कोशिश करने लगी,वो अनिल की हर बात सुनना समझना चाहती थीअनिल ने उसका हाथ पकड़ कर कहा रहने दो... बस यहीं पास में.... चुपचाप बैठी रहो।पति पत्नी शांति से एक दूसरे के साथ बैठे रहे,कमरे में पिन ड्राप साइलेंस को भंग किया डेस्कटॉप के नोटिफिकेशन्स ने, रात्रि के दस बजे थे संदीपऑन लाइन था।अनिल ने कहा डेस्कटॉप की रोशनी आंखों में लग रही है मैं सोना चाहता हूं,इसे ऑफ कर दो प्लीज़।
अनु ने तुरन्त कम्प्यूटर ऑफ किया और अनिल का सिर सहलाने लगी।आज उन्होंने खाना भी नहीं खाया, भूखे सो गए।........आगे फिर जल्दी ही प्रीति मिश्रा
अनु ने कहा मुझे नहीं आता लोकेशन भेजना बड़ी मुश्किल से मैसेज करना सीखा है।
वह भी मेरे हसबैंड पीछे पड़ गए
संदीप-ओ माय गॉड!! तो तुम शादीशुदा हो
अनु-क्यों शादीशुदा से दोस्ती नहीं हो सकती?
संदीप...हो सकती है ,क्यों नहीं हो सकती और वह भी जब किसी लड़की ने खुद से फ्रेंड रिकवेस्ट भेजी हो।
भई!! मैं लड़कियों की बहुत इज्जत करता हूं
हा हा हा,अच्छा अभी कुछ दिनों के लिए मैं बाहर जा रहा हूं एमिली के साथ।
हम अपना नया एन जीओ हैदराबाद में लगाने की सोच रहे हैं उसी पर काम करना है हो सकता है मैं इंडिया भी आऊं।
लेकिन अभी पक्का नहीं है,अगर आया तुमसे मिलने की कोशिश जरूर करूंगा
अनु ने कहा....बिल्कुल जहां हम लोग रहते हैं पूरा इलाका बहुत सुंदर है और आप चाहे तो हमारे पास ही ठहर सकते हैं।
हां क्यों नहीं क्या नाम बताया था अपने हसबैंड का?
अभी तक नाम ही नहीं बताया.....अनु हंस पड़ी अनिल....अनिल टंडन
ओ के!!
संदीप- किस पोस्ट पर काम करते हैं ?
अनु- यहां के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।सरकार की तरफ से पोस्टिंग है काम करने के बाद चले जाएंगे
संदीप- कहां?
अनु- कुछ पता नहीं है फिर किसी फैक्ट्री को चलाने या फिर कहीं और जहां नसीब ले जाए
तब तो काफी नक्शे होंगे तुम्हारे।
अनु- क्यों? हसबैंड की पोस्ट अच्छी है उसका नक्शा मैं क्यों लूँ।
संदीप- यह हुई ना बात तो तुम भी कुछ काम किया करो।
अनु- नहीं कर सकती ना ....यही तो प्रॉब्लम है।
संदीप-इस दुनिया में ऐसा क्या है जो कोई नहीं कर सकता।
अनु- है कोई बात सीरियस प्रॉब्लम है कभी शेयर करूंगी।
संदीप- ठीक है मैं इंतजार करूंगा।क्या तुम्हारे पास तुम्हारी कोई पिक्चर है लेटेस्ट?
अनु- नहीं मैं कभी कोई पिक्चर नहीं खिंचवाती।
संदीप- झूठ बोल रही हो।
अनु- नहीं सच बोल रही हूँ
संदीप- एक बार दिखाओ ना प्लीज! या फिर स्काइप पर हो,बस एक बार अपनी शक्ल दिखा दो
अनु-आ गए ना आम मर्दों जैसी बातों पर,अनिल हमेशा यही कहते हैं कि किसी भी लड़के से दोस्ती खतरे से खाली नहीं है।
उधर से संदीप ने कोई जवाब नहीं दिया वह ऑफलाइन हो गया था..... नाराज हो गया क्या.... अनु सोचने लगी।
वैसे क्या हो जाता अगर अपनी फोटो भेज देती,कोई कम्प्यूटर से निकल के खा तो नहीं जाएगा।
अनिल को बताए?अगर हां कहते हैं तो फ़ोटो भेज देगी ।
फिर दिमाग़ ने कहा "अनु डार्लिंग तुम दुनिया की पहली औरत होगी जो ऐसी बातों में पति को इन्वॉल्व कर रही हो"।
वो मुस्कुरा पड़ी।
तभी किसी ने डोर बेल बजाई
रूम क्लीन होगा क्या ?
तपन एक नेपाली लड़का था,कमरे के बाहर खड़ा था,बोलाधोबी प्रेस के लिए कपड़े मांग रहा है मैडम जी
अरे !!अंदर आओ अनु बोली और ज़रा ऊंचा बोला करो प्लीज़ क्या कहते हो समझ तो पाऊं,वैसे अभी कोई काम नहीं है।बाहर मैडम लोग बैठी हैं क्या?
नहीं सी- बीच पर जाने की तैयारी कर रही हैं।
आप भी जाओ, आज हाई टाइड है दूर से देखना मेम साब जी पानी के पास मत जाना।
तपन अब जोर से चिल्लाया।
अनु खुल कर हँस पड़ी,तभी अनिल आ गए,बोले ज़रा अंदर आओ अनु कुछ बात करनी है।
अनिल ने बताया अब मिनिस्टर साहब खुद एक महीने के लिए कारखाने की प्रोग्रेस देखने के लिए आ रहे हैं,सुना है संसद में प्रश्न उठ गया है कि कारखाना चल भी पाएगा या सब कुछ लोहे के दाम बिक जाएगा।
कई बार लगता है गलती हो गई अनु.... इस बैठे हुए हाथी को खड़ा करना बड़ा मुश्किल है.....अनिल उदास थे.....ऊपर से अब रोज़ रोज़ घंटों की मीटिंग में समय जाएगा।
अनु अपनी हियरिंग एड एडजस्ट करने की कोशिश करने लगी,वो अनिल की हर बात सुनना समझना चाहती थीअनिल ने उसका हाथ पकड़ कर कहा रहने दो... बस यहीं पास में.... चुपचाप बैठी रहो।पति पत्नी शांति से एक दूसरे के साथ बैठे रहे,कमरे में पिन ड्राप साइलेंस को भंग किया डेस्कटॉप के नोटिफिकेशन्स ने, रात्रि के दस बजे थे संदीपऑन लाइन था।अनिल ने कहा डेस्कटॉप की रोशनी आंखों में लग रही है मैं सोना चाहता हूं,इसे ऑफ कर दो प्लीज़।
अनु ने तुरन्त कम्प्यूटर ऑफ किया और अनिल का सिर सहलाने लगी।आज उन्होंने खाना भी नहीं खाया, भूखे सो गए।........आगे फिर जल्दी ही प्रीति मिश्रा
No comments:
Post a Comment