Sunday, May 31, 2020


फाँस
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मस्तमौला प्यारी सी रितु  इसी माह 26 वर्ष की  हुई थी.
बस तब से माँ  हाथ धो के पीछे पड़ गईं हैं." शादी कर ले.अभी इतनी खूबसूरत है दुल्हन बनकर अच्छी फोटोज़ आएंगी. बाद में चेहरे की रौनक कम हो जाती है.  इतनी उम्र में तो दो बच्चे भी हो गए थे हमारे."
उसने माँ से कह रखा था कि इस साल शादी कर लेगी.
पर ये झूठ अपनी जान बचाने के लिए कहा था.
छोटा भाई भी इंजीनियर  बन गया है.
रितु  रास्ता ख़ाली करे तो उसकी शादी का  नम्बर आए.
रोहित उसका एक्स बॉयफ्रेंड भी बड़ा डरपोक निकला है.  अपनी मम्मी  को कन्विन्स ही नहीं कर पाया है. कहती हैं अंडा खाने वाली लड़की नहीं चलेगी.
प्यार में पगलाई हुई थी रितु सो उसने रोहित से कहा "ऑन्टी जी से कहो मैं प्याज़ भी नहीं छूऊँगी."
पर नहीं मानी वो.
" यार! गले में फाँस सी चुभ रही है. "
"तुझे छोड़ने के ख़याल से डर जाती हूं." रितु रोहित से बोली थी.
"मुझे तू गिल्ट में डाल रही है.हम हमेशा अच्छे दोस्त रहेंगे.  "रोहित बोला था.
वो कहना चाहती थी ऐसा नहीं हो पाएगा. पर जाने क्यों चुप रह गई थी.
थोड़े दिनों में ही रोहित ने अपनी माँ की पसन्द से शादी कर ली थी.
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तन्मय उन दोनों का कॉमन फ्रेंड था उसने रितु से  कहा"ऐसे डरपोक के लिए क्यों टाइम वेस्ट करती है?"
"साला डर गया था वैसे बहुत चाहता था  तुझे. "
"भूल जा उसको. "
"मुझसे होता नहीं है यार !"
एक मिनट भी नहीं भूल पाती हूं अभी तो और तू हमेशा के लिए भूल जाने को कह रहा है.
"तो मां के बताये रिश्तों में से एक ढंग का रिश्ता  ढूंढ ले."
"फ़िर पक्का भूल जाएगी इस नमूने को." तन्मय ने ही  सुझाया था.
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 शादी डॉट कॉम से छांटे  हुए लड़कों की माँ ने रितु को लिस्ट पकड़ाई है.
एक एक कर उनसे मिलने का उबाऊ काम शुरू हुआ है.
"अब मम्मी ये लास्ट बार आ रही हूं. बंगलौर से दिल्ली आना इतना आसान नहीं है. इसके बाद अगली बार, यानी कि  अगली साल देखेंगे लड़का, यहाँ ऑफिस में सब मेरा  मज़ाक उड़ा रहे हैं."
पर आख़िरी बार में तो मम्मी उसके सपनों का राजकुमार जैसा लड़का ढूंढ लायी हैं. 6फ़ीट लम्बा, आई. आई. टी पास आउट , विदेश से एम बी ए. अमेरिका में वेल सेटेल्ड.खाते पीते लोग हैं.
रितु की तरफ़ से हाँ है. अगर कुंडली मिल गई तो लड़के वाले भी हाँ कर देंगे.
"मनोज नाम है, फेसबुक पर प्रोफ़ाइल चेक कर लेना."
उसने तन्मय को बताया तो वो फ़ोन पर ही हँस पड़ा. "देखियो फिर गच्चा मत खा जाइयो. मेरी मान लड़के के टच में रह कुंडली नहीं आदतें  काम आती हैं , शादी के बाद. देखना आपस में विचार मेल खाते हैं या नहीं.
"इस दुनिया में कौन परफेक्ट है? ज़रा बताना." फिर रोहित को ही क्या  जान पायी मैं? "रितु ने कहा.
"इसीलिये कह रहा हूं ठीक से मैच मिला. अभी बेटी बाप की है."
"अपना ज्ञान अपने पास रख और हां अगर परसों बुलाऊंगी तो आ जाना 50%सगाई के चान्सेज़ हैं. "

"कूल यार !!"

"तुझसे ये उम्मीद नहीं थी कि तेरी शादी पंडित जी डिसाइड करेंगे."
"आर यू  जेलस?"
"क्यों भई?"
"किससे?"तन्मय ने पूछा.
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"चट मंगनी - पट ब्याह" वाली कहावत हो  गई है.  धूमधाम से सगाई हो गई मनोज और रितु की, डेढ़ महीने  बाद ही शादी है. मनोज  शिकागो की  फ्लाइट ले कर उड़ गया है. वो भी दिल्ली से बंगलौर आ गई है.
कल मीटिंग थी कि उसके मंगेतर मनोज  के मैसेज आने लगे सही टाइम पर पहुँच गया है.
उसने भी उसे चुपचाप स्माइली सेंड कर दिए हैं.
लिख दिया है कि मीटिंग में हूं.
अब रोज़ बातें होने लगी हैं पर बारह घंटे का डिफ्रेंस बड़ा भारी पड़ जाता है.ऑफिस टाइम में फ़ोन करता है बड़ी मुश्किल में पड़ जाती है.
रितु की सबसे प्यारी  सहेली तन्वी  की इसी बीच शादी तय हो गई है, उस दिन तन्वी के घर बैचलर्स  पार्टी थी. तभी रितु  का मोबाइल बज उठा, मनोज का फ़ोन आ गया.
"कहाँ हो? "
"तन्वी  के घर"
उधर  से क्या बोला मनोज रितु को कुछ सुनाई नहीं पड़ा.
लड़कियों ने लाउड म्यूजिक बजा रखा था.
बाद में फ़ोन करती हूं, कह कर उसने फ़ोन रख दिया और नाचने में मगन हो गई.
"क्या कह रहे हैं हमारे जीजा जी?"
तन्मय बोला.
"पता नहीं, सुनाई नहीं पड़ा था. "
"तो बाहर जाके बात कर ले बंदा इतनी दूर से फ़ोन लगा रहा है."
"ओ के  गाईज़, अभीआती हूं, ज़रा एकांत में जा रही हूं.  पार्टी चालू रखो. मैं एक कॉल करके आती हूं."
काफ़ी देर हो गई है पर रितु नहीं लौटी. तन्मय ने बाहर जा कर देखा तो उसकी कार नहीं थी.
वो घर चली गई है. उसके सर में बहुत दर्द हो रहा है. रितु ने तन्मय को मैसेज किया है.
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एक महीने बाद रितु को शादी का लहंगा खरीदने दिल्ली जाना है उसके होने वाले पति और सास दोनों आ रहे हैं.
साऊथ एक्स फ्रंटियर राज से लहंगा ले लिया है और वहीं टेलर से ब्लाउज़ का नाप भी दे रही है वो.
बड़ी ख़ुश है वो.
पेमेंट अभी करने ही वाले थे कि  पीछे से टेलर मास्टर दौड़ते हुए आ गए. मैडम गला कितना रखेंगे पीछे से? बताना भूल गईं आप.
"डीप रखना भैया. "
"बस चार इंच की पट्टी छोड़ना पीछे."
"जी मैडम !"
"इतना गहरा गला भला क्या अच्छा लगेगा?"मनोज ने प्रतिवाद किया, उसकी मम्मी ने टोका "क्यों लड़कियों की फैशन में टांग अड़ाते हो बेटा? बनवाने दो अपनी मर्ज़ी के कपड़े."
रितु वापस बंगलौर लौट आयी है.
उसकी शादी को सिर्फ़ दस दिन रह गए हैं.
अब उसने  पहले की तरह चहकना बन्द कर दिया है .
तन्मय ने पूछा "क्या हुआ? मम्मी पापा से बिछड़ने का दुःख है?"
"बड़ी दूर शादी को हाँ कर दी तूने."
"अब बस कुछ दिनों में ये चिड़िया फुर्र हो जाएगी शिकागो."
रितु थोड़ा मुस्कुराई, फ़िर आँखों में आँसू भर कर बोली "तुझसे एक बात कहूं. "
"हां बता "
"यार !गले में फाँस सी चुभ रही है ."
"अब क्या हुआ?"तन्मय घबराया "क्या इस लड़के की मम्मी ने भी तुझे रिजेक्ट कर दिया."
"नहीं वो बात नहीं है"....... दरअसल अब रितु अटक अटक कर बात कर रही है....... "यार !!ये बन्दा गुड लुकिंग है, अच्छा कमाता है, सिगरेट शराब को हाथ भी नहीं लगाता है पर पता है मेरे टाइप का नहीं है. इसका तो कोई फ्रेंड भी नहीं है. "
"बात बात में टोकता रहता है. उस रात याद है उसने मुझे पार्टी में से घर जाने को कह दिया था."
"ऐसी बहुत सी बातें हैं. लगता है थोड़ा टाइम और लेना चाहिए था एक दूसरे को समझने के लिए."
"पढ़ाकू टाइप का बन्दा होगा. तेरे साथ रहेगा तेरे जैसा मस्त  हो जाएगा."तन्मय ने कहा.
"आई होप  सो."
तन्मय ने विदा ली.
रितु भी अब ख़ुद को हल्का महसूस कर रही है.
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तन्वी की शादी को सिर्फ़ दो दिन बचे हैं और अभी तक दूल्हे साहब ने अपनी  शेरवानी दर्जी की दुकान  से नहीं उठाई है .
तन्वी ने रितु को ये काम दिया है "प्लीज़ तुम शाहपुर जाट से  शेरवानी ले  लो और एक बार होटल जाकर राहुल  को पकड़  कर पहनवा भी लेना. प्लीज़ मेरी प्यारी बहना. "
अरे ये कौन सा बड़ा काम है. अभी करती हूं.
"मैं जीजू को भी साथ ले जाऊंगी. एक साथ दोनों काम कर लेंगे."
तन्वी "हां यही तो  मैं चाहती हूं. थैंक्स यार !"
"नो  मेंशन "
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"शेरवानी बिल्कुल परफेक्ट है  जीजू !!"रितु ने कहा."इधर शीशे में देखिये, ज़रा पीछे भी मुड़ेंगे. "
तभी मनोज का फ़ोन आ गया.
रितु कार  का दरवाज़ा खोलते हुए बोली "hi "
"बस अब दस दिन बचे हैं.अपनी शादी में."
"आई एम सो एक्ससाइटेड. "
"आज तन्वी के फंक्शन्स में
 अपनी शादी इमैजिन कर रही हूं. "
"बड़े काम होते हैं ऐन वक्त तक."
वो मनोज से बोलती जा रही है.
उसने इशारे से राहुल से कहा आप बैठिये.
राहुल ने पूछा "कौन है?"
रितु - "मनोज हैं आप सबको हैलो बोल रहे हैं."
मनोज ने पूछा "कोई साथ में है. "
हां
"तन्वी का फियांसी."
"ओ.के."
"जब अकेली होना कॉल करना. फ़ोन रखता हूं. "
उधर से फ़ोन कट गया है.
रितु  कार चलाते वक्त सोच रही थी कि शायद मनोज को अच्छा नहीं लगा कि वो राहुल के साथ है.
पर  राहुल तो उसके  भाई जैसा है.
बेकार क्यों  शक करना मनोज पर भी.....  घर जाकर बात कर लूंगी.
पूरे रास्ते चुपचाप  कार चलाती रही थी वो.
घर आकर सबसे पहले मनोज को फ़ोन लगाया, वो तो बहुत नाराज़ हो रहा था. "देखो मैंने तुमको पहले ही बता दिया है मुझे ज्यादा दोस्तीबाज़ी पसन्द नहीं है, और लड़कों के साथ तो बिल्कुल भी नहीं."
"पर..... मैंने ऐसा क्या किया है ? "
"मेरी बेस्ट फ्रेंड का होने वाला पति तो मेरे भाई जैसा है. "
"इसमें मैं कहाँ ग़लत हूं. "
वो रोने रोने हो गई.
मनोज का स्वर सख्त था "मुझे सफ़ाई नहीं चाहिए. "
"जो मैं कह रहा हूं समझो. "
"सुनो एक मिनट "अब रितु  की  बारी थी "मनोज मेरी बात सुनो. "
रितु ने कहा "सुनो मनोज अब तक तुम्हारे साथ मैं एडजस्ट करने की कोशिश कर रही हूं तुम बहुत अच्छे हो, अच्छी नौकरी में हो, गुडलुकिंग हो."
अचानक रितु की आवाज़ बन्द हो गई है. "हां रितु मैं सुन रहा हूं " मनोज अब अधीर था......" मगर तुम मेरे जैसे नहीं  हो. आई एम सॉरी हम लोग  मेड फॉर ईच अदर नहीं हैं. सॉरी मैं तुम्हारे साथ शादी नहीं कर सकती हूं."

मनोज बोला "अरे !समझ रही हो क्या कह रही हो?"
"सारी बुकिंग्स हो गईं हैं कार्ड्स बँट  गए हैं."
रितु "सॉरी ये मेरा अंतिम फैसला  है. "
"फ़ोन रखिये मम्मी को बताना है."
"बुकिंग कैंसिल करानी  हैं."

मम्मी को सब  बातें सुनकर  धक्का लगा था , खूब रोई धोईं थीं, लेकिन पापा ने पूरे दो घंटे वीडियो कॉल पर उससे बात की और कहा "मेरे लिए तुम्हारी ख़ुशी ही सर्वोपरि है." उन्होंने  लड़के वालों को मना  कर दिया है.
तन्वी की हल्दी में नहीं जा पायी उस दिन रितु.
मनोज ने उसका सारा मूड स्पॉयल कर दिया था.
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एक दिन बाद तन्वी की शादी हो गई. सारे फ़ंक्शन अटेंड करने के बाद  रितु ने  तन्मय से कहा "यार गले में फाँस सी अटक रही है.........कल मैंने मनोज को फ़ाइनली मना कर दिया है. मेरी शादी कैंसिल हो गई है .
तुम सही थे कुंडली से ज़्यादा एक दूसरे से विचार मिलने चाहिए."
तन्मय कुछ देर चुप रहने के बाद बोला

"हां ठीक कह रही हो पर तुमने नोटिस किया कि  हम दोनों के विचार काफ़ी  मिलते हैं."
"इनफैक्ट हम दोनों भी काफ़ी जल्दी जल्दी मिलते हैं. "
तन्मय शरारत से मुस्कुराया.
"अगर तेरे गले की फाँस निकल गई हो तो हुकुम कर
अपने मम्मी पापा को तुम्हारे घर भेजूँ. पर देख ले . बिल्कुल साधारण सी  फैमिली है हमारी, पर तुम्हारे नख़रे मिलकर उठा लेंगे सब.  यहीं इंडिया में रहना पड़ेगा सबके साथ."
रितु मुस्कुरा उठी बोली "मंज़ूर  है. "
****समाप्त*****

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